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This Sadhana should be executed for 11 days within a row; when you break the Sadhana for even an individual working day, You will need to restart it ideal from the beginning.
Apsara Sadhana may be finished in 11 days and so, it is an extremely smaller Sadhana a Sadhak can accomplish.
अप्सरा साधना के नियम - यक्षिणी के साधना के नियम
इस विषय में अधिक जानकारी और सहायता के लिए, कृपया स्थानीय आध्यात्मिक गुरु, आध्यात्मिक संस्थान, या अन्य आध्यात्मिक संगठनों से संपर्क करें।
ये सभी गुण अप्सराओं को अत्यंत प्रिय और मनोहारी बनाते हैं, जो कि हिन्दू मिथकों में अप्सराओं के स्वरूप का विवरण करते हैं।
आत्म-समर्पण और सेवा: अप्सरा साधना में साधकों को आत्म-समर्पण और सेवा की भावना से प्रेरित किया जाता है। इसके माध्यम से साधक अप्सरा देवियों के संग संवाद करते हैं और उनसे आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। सेवा के माध्यम से साधक अप्सरा देवियों की भक्ति का अनुभव करते हैं और उनके संग संवाद करने का अवसर प्राप्त करते हैं।
कुछ साधक अप्सराओं के साथ शारीरिक संबंध की कल्पना करने लगते हैं, इसलिए ऐसी भावनाओं से बचें, क्योंकि ऐसी भावनाएँ साधना को असफल बना सकती हैं।
इन अंतरों के बावजूद, दोनों अप्सराओं और परियों में आध्यात्मिक मानवता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान रखती more info हैं और साधकों को आत्मिक उत्थान की दिशा में मार्गदर्शन करती हैं।
Sit in a very silent space in between 9pm to 5am and put 11 purple roses in front of you as an featuring for the Apsara.
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अप्सरा के रूप में विभिन्न श्रेणियां और विशेषताएं होती हैं, जैसे कि:
अप्सरा साधना में कई तकनीकें होती हैं जो साधकों को अप्सरा देवियों के संग संवाद करने का अभ्यास कराती हैं और उन्हें आत्म-सम्मोहन और आध्यात्मिक उत्थान की दिशा में मार्गदर्शन करती हैं। यहां कुछ मुख्य अप्सरा साधना की तकनीकें हैं:
इस अप्सरा की कामेच्छा कभी शांत नहीं होती सदैब यह कामपीडित बनी रहती है इसीलिए इसका नाम कामेच्छी पडा है। इसका अनुष्ठान सरल है । सोमबार के कमलधारिणी देबी का चित्र ले। एकान्त स्थान पर रात्रि में उक्त मंत्र से पूजा कर ७ दिन तक हकीक माला से ११००० जप करे तो देबी सिद्ध हो जाती है प्रभाब स्वयं पता चलता है ।